Chikaldara में आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल है, हॉस्टल को देखने पर आपको ऐसा लगेगा जैसे यह कोई बंद पड़ा है, यह कोई रहता नहीं और कुछ ऐसा लगेगा ,जैसे कोई पुरानी हवेली है, और आपको ऐसा भी लग सकता है, जैसे आप 1950 में आ गए हैं, वैसा नजारा इस हॉस्टल को देखने पर लगता है, वैसे तो हम अभी 2024 में जी रहे हैं, लेकिन इस आदिवासी हॉस्टल को देखकर आपको अपना पुराना दूर याद जरूर आएगा।
इस हॉस्टल को ना ही कलरिंग किया गया, ना ही, रिनोवेट करने की कोशिश दिखती है, क्या कारण है कि इस हॉस्टल को इस तरह से रखा जा रहा है, गेट में जंक लगा हुआ है, सामने लोहे के बोर्ड में बराबर नाम नहीं दिख रहा है, और हॉस्टल को देखेंगे तो वहां पर है ऐसा लगता ही नहीं की कभी वहां पर कलर किया गया था, इस तरह के हालात है चिखलदरा में आदिवासी हॉस्टल का अगर कोई इसके लिए जिम्मेदार है, तो उन्हें कदम उठाना चाहिए इसे रिपेयरिंग करने के लिए क्योंकि भारत बहुत तरक्की कर रहा है, और जहां पर भारत का आने वाला भविष्य पुराने दौर में जाएगा तो लाजमी है कि वह कुछ खास कर नहीं पाएंगे, हम कर रहे हैं यहां पर रहने वाली लड़कियों के बारे।
में वह आने वाला भविष्य है इस भारत देश की वैसे तो 1 दिन में कुछ बदला नहीं जा सकता, लेकिन धीरे-धीरे कदम बढ़ाकर सब मिलकर आवाज उठाएंगे तो धीरे-धीरे अच्छे रास्ते की और अच्छे कदम हम बढ़ा सकेंगे, आखरी में मैं इतना ही चाहूंगा की जो कोई भी जिम्मेदार है, वह इसे रिनोवेट जरूर करें क्योंकि भारत में शिक्षा के ऊपर सरकार अच्छा खासा इन्वेस्ट करती है, तो यह जरूरी है, कि यहां पर भी आपको इन्वेस्ट करने की जरूरत है, और खूबसूरत हॉस्टल और खूबसूरत चिखलदरा बनाने की जरूरत है, धन्यवाद।