Amravati: सोमवार को आदिवासी अपर आयुक्त कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए, बिरसा क्रांति दल के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन अनशन का आगाज हो गया है। दल का आरोप है कि जनजातियों के लाभ के लिए सरकारी योजनाओं के अनुदान में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
बिरसा क्रांति दल के विभागीय उपाध्यक्ष अर्जुन युवनाते के नेतृत्व में 16 मांगों के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हो गई है। इसके पीछे एक सत्याग्रह रूपी मुहिम है, जिसमें सांविदानिक अधिकारों की अनदेखी और आदिवासी समुदाय के हित में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाया जा रहा है।
मुद्दों की सूची:
- प्रशासनिक मनमानी: जनजातीय अपर आयुक्त कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं में प्रशासनिक मनमानी का आरोप है।
- फंड का दुरुपयोग: आदिवासी विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार आदिवासियों के सुधार के लिए आए फंड का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे समुदाय को नुकसान हो रहा है।
- शिक्षा से जुड़ी समस्याएं: आदिवासी आश्रम विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति और खराब गुणवत्ता वाला भोजन, आदिवासी विद्यार्थियों को परेशानी में डाल रहे हैं।
इस आंदोलन के तहत, विभिन्न संगठनों ने भी बार-बार इस मुद्दे पर आपत्ति व्यक्त की है, जिससे यह साबित हो रहा है कि सरकारी स्तर पर आदिवासी मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है।
इस अनशन और भूख हड़ताल के माध्यम से, आदिवासी समुदाय ने अपनी आवाज को सुनाने का निर्णय किया है और सरकार से न्याय की मांग की है।
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